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Covid  तब और अब ( BEFORE VS AFTER  ) : महामारी की पांच सालो की यात्रा 

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Covid  तब और अब ( BEFORE VS AFTER  ) : महामारी की पांच सालो की यात्रा 

2020 की शुरुआती में जब दुनिया ने पहली बार कोरोना वायरस या Cvoid -19  का नाम सुना तब किसी को अंदाजा नहीं था की  यह बीमारी दुनिया की सामाजिक , आर्थिक , मानसिक स्थिति की किस कदर बदल देगी। लॉक डाउन  , मास्क , सोशल  डिस्टेंसिंग जैसे शब्द हमारे रोजमर्रा के जीवन क हिस्सा बन गए।  लेकिन 2025 में पांच साल बाद हालत काफी बदल चुके है।  

 1.स्वास्थ्य प्रणाली : संघर्ष से सुधार तक 

तब 2020 

  •  भारत समेत पूरी दुनिया की स्वास्थय प्रणाली अचानक भारी दबाव में आ गयी। 
  • ICU  बेड्स की कमी , आक्सीजन संकट और पपे किट्स की आपूर्ति में  बाधाए।  
  • डाक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों पर भारी मानसिक और शारीरिक दबाव पड़।  
 

अब 2025

  • अब जादातर अस्पतालों में इमर्जन्सी के लिए विशेष COVID यूनिट मौजूद है। 
  • टेलीमीडीसीन और डिजिटल हेल्थ सेवाए आम हो गयी है 
  • केंद्र सरकारों ने स्वास्थ्य बजट में इजाफा किया है। 
source:- WHO Report (2023), Ministry of Health and Family Welfare (India)

समाज व्यवहार : डर से सामंजस्य तक 

तब 2020

  • लोग एक दूसरे से मिलने में डरते थे , हाथ मिलाना तो भूल ही गए थे।  
  • शादिया त्यौहार और यह तक की अंतिम संस्कार में भी शामिल नहीं होते थे।  
  • बच्चो की पढाई ऑनलाइन हो गयी थी , जो उनके मानसिक विकास को प्रभावित कर रही थी।  
 

अब 2025

  • लोग अब सतर्क है , लेकिन पहले की तरह सामाजिक मेलजोल फिर से सामान्य हो गया हे 
  • त्योहारों और सावर्जनिक समारोहों में फिर से रौनक लोट आ गयी है। 
  • हाइब्रिड शिक्षा मॉडल ( ऑनलाइन + ऑफलाइन ) अब स्थाई हो चूका है। 
source –UNICEF Education Reports (2024)

3. आर्थिक स्थिति : मंदी से मजबूती तक 

तब 2020

  • करोडो लोगो की नोकरिया गयी , खासकर प्रवासी मजदुर और छोटे व्यापारियों पर बुरा असर पड़ा। 
  • JDP  में ऐतिहासिक गिरावट , भारत की अर्थव्यवस्था 23.9% तक सिकुड़ गयी थी। 

अब 2025

  • अर्थव्यवस्था धीरे धीरे पटरी पर लौटआई है।  भारत अब दुनिया की ४थी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चूका है।  
  • MSME  सेक्टर को सरकारी योजनाओ और डिजिटल अपनाने से नई रफ्तार मिली। 
  • रिमोट वर्क और डिजिटल इनोवेशन से नई इंडस्ट्री उभरी ( HealthTech , EdTech , AI -baed servies ) 
sorce – RBI Annual Report 2024, IMF India Outlook 2025

4  टेक्नोलॉजी का प्रभाव  प्राथमिक्ता से अनिवार्यता  तक 

तब 2020

  • डिजिटल पेमेंट , ऑनलाइन मीटिंग और वर्क फॉर्म होम को लोग मज़बूरी से अपनाने लगे। 
  • टेलीमेडिसिन और ऑनलाइन  एजुकेशन में शुरुआती दिक्क़ते थी। 

अब २०२५

  • Zoom , google meet  जैसे प्लेटफार्म अब सामान्य कार्य संस्कृति का हिस्सा बन चुके है।  
  • AI और मशीन लर्निंग आधारित हेल्थ मॉनिटरिंग सिस्टम आम हो चुके है। 
  • भारत में UPI  आधारित पेमेंट सिस्टम ने कैशलेस इकोनामी को तेजी से बढ़ाया। 
source –NASSCOM Technology Report 2025, NPCI Data

5. मानसिक स्वास्थ्य : नजरंदाजी से जागरूकता तक 

तब 2020

  • लॉक डाउन अकेलेपन बेरोजगारी के कारण अवसाद और चिंता के मामले बहुत बढ़े। 
  • लेकिन मानसिक स्वास्थ्य पर बातचीत एक टैबू  विषय थी। 
 

अब 2025

  • कम्पनिया स्कूल और सरकारे  अब मानसिक स्वास्थ्य पर खुलकर बात करती है। 
  • वर्कप्लेस में काउंसलिंग वेलनेस लीव और मेडिटेशन एप्प्स को बढ़ावा दिया जा रहा है। 
  • भारत में मेन्टल हेल्थ हेल्पलाइन 24*7  सेवा प्रदान कर रही है।  
source –WHO Mental Health Atlas 2020, India’s National Mental Health Programme

6.वेक्सीन और इम्युनिटी  अज्ञात से आत्मविश्वास तक 

तब  2020

  • वैक्सीन को लेकर डर अफवाहे और राजनितिक बहसें थी।  
  • वेक्सीनेशन की शुरुआत जनवरी 2021 में हुई , लेकिन धीमी गति से। 
 

अब 2025

  • भारत में 90% से अधिक वयस्कों को COVID  वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी है। 
  • नई वेक्सीन वेरिएट्स के लिए भी विकसित हो चुकी है ( बूस्टरडोज शामिल ) 
  • सरकार और WHO  मिलकर जनजागरूकता अभियान चला रहे है। 
source –MoHFW COVID Dashboard, WHO COVID-19 Update (2025) conclusion Covid -19 ने मानवता को भय अवसाद और अनिचिश्ता से गुजरने के लिए मजबूर किया , लेकिन साथ ही उसने हमे लचीलापन एकजुटता और अनुकूलन की ताकत भी दी।  2020 से 2025 तक की इस यात्रा में हमने खुद को फिर से परिभाषित किया – एक ऐसे समाज के रूप में जो न सिर्फ जिन्दा रहा , बल्कि बेहतर बना। अब जब हम पीछे मुड़कर देखते है , तो समझआता है की covid तब और अब सिर्फ समय की बात नहीं है – यह विकास शिक्षा और मानवता के पुनर्जन्म की कहानी है।  

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