Rajasthan के गावो में जल क्रांति : larsen@Toubro की नई पहल
Rajasthan के गावो में जल संकट एक गंभीर समस्या रही है। यहाँ के कई ग्रामीण इलाके में जल की भारी कमी फ्लोरोसिस जैसी बीमारियों और अस्थायी जलापूर्ति योजनाओ के कारण जनजीवन प्रभावित होता है। विशेषकर झुंझुनू और अजमेर जैसे जिले में, जहा प्लोराइड युक्त पानी और जल की कमी ने जनजीवन को प्रभावित किया है। इस चुनौती का समाधान करने के लिए Larsen @ Toubro ने राजस्थान सरकार के साथ मिलकर दो महत्पूर्ण जल आपूर्ति परियोजनाए शुरू की है।
परियोजना १ : Rajasthan ग्रामीण जल आपूर्ति और प्लोरोसिस शमन परियोजना
आदेशदाता: जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग , RAJASTHAN
क्षेत्र : झुंझुनू जिले के गांव और सूरजगढ़ एवं उदयपुर वाटी कस्बे।
प्रमुख कार्य :
- 5251 किलोमीटर लम्बी ट्रांसमिशन और वितरण पाइपलाइनों की आपूर्ति और स्थापना।
- 38 ग्राउंड लेवल जलाशयों का निर्माण ( कुल क्षमता : 40 मिलियन लीटर )
- 132 ओवरहेड सर्विस जलाशयों का निर्माण ( कुल क्षमता : २५ मिलियन लीटर )
- 20 पंप हाउस का निर्माण।
- इलोक्ट्रोमैकेनिकल , ईस्ट्मेंटेशन , ऑटोमेशन और SCADA
- 1 वर्ष की दोष उत्तरदायित्व अवधि और 10 वर्षो का संचालन एवं रखरखाव।
परियोजना २ : केकड़ी – सवर जल आपूर्ति प्रणाली का सुद्धीकरण और पुनवार्स।
आदेशदाता: जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग , RAJASTHAN
क्षेत्र : अजमेर जिले का केकड़ी – सवर क्षेत्र।
प्रमुख कार्य
- 43 किलोमीटर लम्बी ट्रांसमिशन पाइप लाइनों की आपूर्ति और स्थापना।
- इलोक्ट्रोमैकेनिकल , ईस्ट्मेंटेशन , ऑटोमेशन और SCADA कार्य।
- 1 वर्षो की दोष उत्तरदायित्व अवधि और १० वर्षो का संचालन एवं रखरखाव।
इन प्रोजेक्ट्स का स्थानीय लोगो पर असर
स्वच्छ और सुरक्षित जल की उपलब्धता
- परियोजना के पूरा होने के बाद करीब २८५ गावो में पर्याप्त मात्रा में स्वच्छ जल उपलब्ध होगा। इससे प्लोरोसिस जैसे जलजनित रोगो में कमी आएगी।
- शुद्ध पानी मिलने से ग्रामीण की स्वास्थ्य स्थिति बेहतर होगी और पानी से संबधित बीमारियों में कमी आएगी
जीवन स्तर में सुधार
- पानी की बेहतर उपलब्धता से खेती , पशुपालन और घरेलू कामकाज में आसानी होगी जिससे ग्रामीण की आय और जीवन स्तर में सुधार होगा।
- महिलाओ और बच्चो को पानी के लिए लम्बी दुरी तय नहीं करनी पड़ेगी जिससे उनका समय और ऊर्जा बचेगी और वे शिक्षा तथा अन्य कार्यो में बेहतर योगदान दे सकेंगे।
रोजगार और कौशल विकास
- इन बड़े प्रोजेक्ट के निर्माण और संचालन में स्थानीय लोगो को रोजगार मिलेगा।
- आपरेशन और रखरखाव के लिए तकनीकी प्रशिक्षण दिया जाएगा , जिससे क्षेत्र में कौशल विकास होगा।
आर्थिक और सामाजिक प्रभाव
- बेहतर जल आपूर्ति से खेती में सुधार होगा , जिससे स्थानीय कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। जल संकट कम होने से स्थानीय विवाद और तनाव भी घटेंगे।
परियोजना में लागत
Lar sen @ toubro ने इन परियोजनाओं को महत्वपूर्ण श्रेणी में वर्गीकृत किया है , जिसका अर्थ हे की कुल लागत 1000 से 2500 करोड़ के बीच है , हालाँकि , सटीक लागत का खुलासा नहीं किया गया है.



